1 Comment

Mandir Admin · 15 January 2023 at 22:29

हमारे प्रिय और अति सौम्य उमेश जी @Umesh Dwivedi और उनके परिवार का अनेको अनेक धन्यवाद् कि उन्होंने आज हम लोगो को ऐसे क्षेत्र, भाषा और संस्कृति से परिचित करवाया, जो भारतवर्ष के मध्य में होने के बाद भी बहुतो के लिए अनभिज्ञ था. अमरकंटक, से तीन प्रमुख नदियों का उद्गम, त्रिकूट पर्वत, माता सती के हार गिरने वाला शक्ति स्थान, मैहर माता (माँ शारदा) का मंदिर और उनके परम भक्त आल्हा और उदल की जानकारी हममे से बहुतो को नहीं थी. भाभीजी द्वारा प्रस्तुत मैहर माता (माँ शारदा) के भजनो ने बघेली भाषा के लोकगीतों की सुन्दर झलक प्रस्तुत करी. आप लोगो के द्वारा श्रद्धा और भाव से परिपूर्ण प्रसाद द्वारा बघेली स्वाद से भी परिचय हुआ.
वास्तव में “हरी अनंत हरी कथा अनंता” श्रंखला श्री हनुमान जी की सुप्त शक्तियों को जाग्रत करने जैसी है, जिसमे हम सबको अपने भूभाग और मातृभूमि के विषय में जानने को मिल रहा है, जो शायद भगवद कृपा की बिना कभी नहीं जान पाते.
अगली रविवार को हम लोग बुंदेलखंड क्षेत्र से परिचित होंगे.
आपका मंदिर परिवार

Comments are closed.