हमारे धर्म में माता सरस्वती का बड़ा ही महत्त्व है, जिसपर ज्ञान की देवी माँ सरस्वती की कृपा होती है अनेको विभूतियाँ उसको स्वतः ही प्राप्त हो जाती है.
26.01.2023 को बड़ा सुंदर संयोग था क्योकि हमारा राष्ट्रीय त्यौहार और माता सरस्वती का प्राकट्य दिवस एक ही दिन पड़ा था.
अतः Thursday 26.01.2023 को 18:30 से 19:30 बजे तक हमारा मंदिर सबके लिए खुला. हम लोगो ने मिलकर माँ सरस्वती का स्त्रोत पढ़ा और अपने महान देश का अभिवादन करा. क्योकि यह एक सामान्य कार्य दिवस था, अतः हम लोगो ने सिर्फ एक घंटे के लिए मंदिर खोला और ऐसा निश्चय करा की आने वाले रविवार को “हरी अनंत हरी कथा अनंता” श्रृंखला को माँ सरस्वती को समर्पित करेंगे और उनके विषय में हमारे ग्रंथो में जो बताया गया है वो जानेंगे और उनकी आराधना करेंगे.
29.01.2023 (रविवार) की हमारे मंदिर की बैठक बहुत ही सुखद आनंद की अनुभूति लेकर आई. एक तरफ हम लोगो ने “हरी अनंत हरी कथा अनंता” श्रृंखला में माँ सरस्वती के आध्यत्मिक , भौतिक और वैदिक स्वरूपों के विषय में जाना तो दूसरी तरफ भक्ति के ओतप्रोत भजनो ने ह्रदय के तारो को झंकृत कर दिया. 26.01.2023 को सामान्य कार्य दिवस होने के कारण हम लोग सरस्वती पूजा को लघु रूप में मनाया था और 29.01.2023 माँ की विशेष पूजा और आरती करी.
विशेष रूप से देवी देवता प्यारे प्यारे बच्चो का रूप धरकर आए और हम सबको मोहित कर लिया. लगभग 30 बच्चो ने माँ का पूजा अर्चन करा और माँ का वरदहस्त अपने ऊपर रखने का आशीर्वाद माँगा. इतने सारे बच्चो का माँ से प्रार्थना करने का दृश्य बड़ा ही मनमोहक और आत्मविभोर करने वाला था. माँ सरस्वती बड़ी ही दयालु है और वो अवश्य ही सभी बच्चो पर अपनी कृपा बनाएंगी.
ईश्वर से ये ही प्रार्थना है की हम लोग मिलजुल कर ऐसे ही अपने त्योहारों को मनाये जिसमे हमारे बड़े, हम लोग और आने वाली पीढ़ी एक साथ सम्मिलित हो और हम सभी में अपने देश, संस्कृति और सभ्यता पर निरंतर गौरवानुभूति होती रहे.
आपका अपना मंदिर परिवार.