कितना सूंदर संयोग है कि एक तरफ साकेत नगरी में हमारे अतिप्रिय भगवान राम जी का स्थापना दिवस समारोह चल रहा है तो दूसरी तरफ हमारे मंदिर के श्रीरामचरितमानस के मासपारायण में अत्यंत मार्मिक केवट जी का प्रसंग आ रहा है जिसमे भगवान उनके पास आते है.
ऐसे पवित्र संयोग पर क्यों न हम सभी लोग भी आर्त भाव से उनको पुकारे और बुलाए कि हे प्रभु, जैसे आपने माँ अहिल्या का उद्धार किया था, जैसे आपने माँ शबरी को कृतार्थ किया था, केवट जी की नौका तो भवसागर से पार किया था, गिद्धराज जटायु जी का कल्याण किया था वैसे ही आपके बच्चे आपके ही घर गीबल मंदिर में आपका इंतज़ार कर रहे है. आप आइये और हम दीन हीन पर अपने प्रेम भरे हाथो से दुलार कीजिए. जब रामजी आएंगे तो क्या आप साथ नहीं होंगे?
“मेरी झोपडी के भाग आज जग जायेंगे राम आयेंगे”
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