आभार
ईश्वर जब अपनी कृपा और प्रेम बरसाता है तो वह कैसी होती है यह हमारे मंदिर में सहज ही देखने को मिल जाती है और यह प्रत्यक्ष अनुभव होता है की यह मंदिर वास्तव में भगवान का अपना ही घर है. पवित्र सावन माह आया और उसमे सहस्त्रधारा अभिषेक में भोलेनाथ ने आनंद ही आनंद बिखेर दिया. कुछ दिनों बाद हमारे कान्हा अपने गोप गोपिकाओ के साथ मंदिर में आए और अति मनमोहिनी माखन की लीला दही हांडी के रूप में हम सबको दिखाई।
परमात्मा की कृपा के साथ आप सभी ने जिस प्रेम और सहयोग का आज परिचय दिया है वह अतुलनीय है. इतने कम समय में सरस्वती पूजा और दही हांडी में इतना बढ़ चढ़ कर सम्मलित होना आपके मंदिर के प्रति प्रेम को ही दर्शाता है. आप सब अपने ह्रदय के कान्हा जी और राधा जी को छोटे छोटे रूप में श्रृंगार के साथ मंदिर लाए और आज के दिन को अविस्मरणीय बना दिया. आप सब को कैसे और किन शब्दों में आभार कहे समझ नहीं आ रहा है. यदि कही कोई कमी रह गई तो वह हमारी ही थी और उसके लिए हम आपसे क्षमाप्रार्थी है.

यह आभार हमारे मंदिर के बच्चो के बिना अधूरा है जिन्होंने मात्रा 1 घंटे की तैयारी में ही श्री गणपति वंदन, माँ सरस्वती वंदन और कर्णप्रिय माँ शारदा का गीत तैयार करके स्वरबद्ध रूप में गाया और फिर दही हांड़ी भी उतने ही मन मोहक ढंग से प्रदर्शित किया. उन सभी बच्चो के साथ साथ उनके माता पिता को भी अनेको अनेक वंदन.
हमारा आनंद अभी शायद अपने उत्कर्ष पर नहीं पंहुचा है क्योकि श्री गणपति जी का सन्देश आया है कि वह 19.09.2023 को सुबह सुबह हमारे मंदिर में श्री गणपति महोत्सव के लिए दस दिनों तक विराजमान होने आ रहे है और अपनी कृपा और रिद्धि सिद्धि को साथ में ला रहे है. क्या आप लोग उनके स्वागत को तैयार है?
आपका मंदिर परिवार