हमारे मंदिर परिवार के सभी परिवारजनों को प्रणाम,
हमारी गौरवशाली धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आज का दिन अति विशेष है. आज से हमारे आदिगुरु भगवान श्री आशुतोष जी का अति प्रिय सावन मास का आरम्भ हो रहा है. हमारे शास्त्रों, संतो और गुरुओ ने ऐसा बताया है की इस मास में भगवान श्री भोलेनाथ जी की आराधना और जलाभिषेक करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है जिससे हमारी समस्त मनोकामनाएं स्वतः ही पूर्ण हो जाती है.
वैसे तो हर वर्ष सावन माह अति आनंद प्रदान करने वाला होता है पर 19 वर्षो बाद अधिक मास का अति सुखद संयोग आया है जब यह माह, चार के बजाए नौ सप्ताह का होगा और 31.08.2023 को समाप्त होगा. अर्थात, हम लोगो को श्री नीलकंठ महादेव जी की अतिरिक्त कृपा और अधिक सेवा कर उनको प्रसन्न करने का अवसर प्राप्त होगा. इस अधिकमास सावन में आठ सोमवार व्रत आएंगे और नौ मंगला गौरी व्रत रखे जायेंगे.
यह पूर्णतः हम लोगो पर निर्भर करता है कि हम लोग इस विशेष अधिकमास का सदुपयोग करे या बाकी दिनों की भांति वृथा ही जाने दे.
हम लोगो का भी यह प्रयास रहेगा की इस माह का जितना सम्भव हो सके सदुपयोग करे:
- पूरे सावन भर हमारा मंदिर प्रत्येक सोमवार को प्रातःकाल 7:0 0 बजे से 8:00 बजे तक और फिर 10 बजे से 12 बजे तक पूजा एवं जल चढाने हेतु खुलेगा.
- 15-16 जुलाई को सहस्त्र धारा (1008) अभिषेक का आयोजन होगा जो शनिवार 15 जुलाई सांयः पांच बजे शनिवार से 16 जुलाई रविवार प्रातः आठ बजे तक अनवरत चलेगा.
- सहस्त्र धारा (1008) अभिषेक हेतु कावड़ धर्म यात्रा भी आयोजित की जाएगी
भगवान गौरीपति से प्रार्थना है कि यह अधिक मास आप सभी के जीवन में अनंत कृपा की वर्षा करे.
Event 01: 15.07.2023 (Saturday) 13:00-17:00 Hrs
Mandir will be opened at 13:00 Hrs on Saturday. Our family will begin with the arrangements of grand celebration and one dedicated devotional team will begin the preparation of Prasad with full heart and soul.
Event 02: Kaavand Yatra (कावंड यात्रा) 15.07.2023 (Saturday) 16:00-17:00 Hrs
अपने घर के बड़ो से हम बचपन से सुनते आए है की शिवलिंग पर जल चढ़ाने से भगवन शंकर प्रसन्न होते है. सावन माह में इसका महत्व और भी बढ़ जाता है. कालांतर में लोग अपने आस पास की नदियों से जल लाकर भगवान भोलेनाथ को अर्पित करते थे, जिसने कावंड यात्रा का रूप ले लिया. शास्त्रों में उस कांवड़ यात्रा का उतना ज्यादा महत्त्व बताया गया है जिसमे जल बहुत दूर से लाया जाता है, जैसे गंगोत्री जी का जल श्री रामेश्वरम में अर्पित किया जाए. वैसे तो इस यात्रा का बड़ा ही गूढ़ आध्यात्मिक महत्त्व भी है पर साधारण भाषा में वह व्यक्ति जहाँ से जल लेता है वहाँ से लेकर जल अर्पित करने तक अपनी सुरति की धार भगवान से जोड़े रखता है, जिससे उसकी यह यात्रा स्वतः ही एक कठिन तप और योग में परिवर्तित हो जाती है.
यह हमारे परिवार के सदस्यों का अप्रतिम समर्पण ही है की हमारे मंदिर में होने वाले सावन अभिषेक के लिए पवित्र भारत भूमि से श्री केदारनाथ जी से लेकर गंगा सागर तक अनेको नदियों का जल लाया जा चुका है. गौरी कुंड, केदारनाथ जी, गंगोत्री मैया, काशी विश्वनाथ जी, सरयू मैया, पतितपावनी माँ गंगा जी, यमुना मैया, ताप्ती मैया, क्षिप्रा मैया, नर्मदा मैया, गोदावरी मैया, कावेरी मैया, चम्बल मैया, त्रिवेणी, गुप्त सरस्वती और नर्मदा मैया के संगम का और अभी भी लोग भारत की और यूरोप की अनेको नदियों से जल लेकर आ रहे है. इतने अनेक नदियों के जल से जर्मनी में भगवान का अभिषेक निश्चय ही अनूठा होगा.
यहाँ पर हम लोग भी पवित्र कावंड यात्रा आयोजित करेंगे. यह कावंड यात्रा यात्रा दो स्थानों से आरम्भ होगी.
1 Löwenmarkt U-Bahb Haltstelle (Who join it via public transport)
2 Parkplatz Solitude (Unten) Who join it by car
इस पैदल यात्रा में कोई भी सम्मलित हो सकता है. यदि आप चाहे को एक साफ़ और शुद्ध पात्र में अपने घर से जल लेकर आ सकते है जिसे आप स्वयं मंदिर में अपने हाथो से भोलेनाथ हो अर्पित करेंगे.
आप में से जो लोग भी दूर रहते है उनके लिए रहने की व्यस्था भी मंदिर की तरफ से करी जा सकती है जिससे आप निर्विग्न अभिषेक में सम्मलित हो पाए.
इंतज़ार किस बात का है, कावंड यात्रा pole और अभिषेक pole में अपना नाम डाले और इस विशेष महोत्सव के अंग बने.
भगवान शिव की 10 प्रिय चीजें और उनके अभिषेक करने के लाभ
- गंगाजल – शिवलिंग का गंगा जल से अभिषेक करने पर सुख-समृद्धि आती है।
- केसर – शिवलिंग पर केसर से अभिषेक करने पर शिवकृपा की प्राप्ति होती है।
- गन्ने का रस – आर्थिक परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए गन्ने के रस से करें अभिषेक
- इत्र – मानसिक तनाव दूर करने के लिए इत्र से करें शिवजी का अभिषेक
- दूध – दूध चढ़ाने से संतान की प्राप्ति होती है।
- दही – शिवलिंग पर दही से कार्यों में बाधाएं दूर होती हैं।
- घी – अच्छी सेहत के लिए सावन के महीने में करें घी से भोलेनाथ का अभिषेक
- चंदन – सुख और शांति के लिए शिवलिंग पर चंदन का लेप लगाएं
- शहद – समाज में मान-सम्मान के लिए शहद से करें शिललिंग का अभिषेक
- भांग – कष्टों और बीमारियों से बचने के लिए भांग करें अर्पित
कावंड यात्रा हेतु कुछ सावधानियाँ
अति भाग्यशाली होते है वो लोग जो ईश्वर के कृपा पात्र होते है और ईश्वर उनको अपने किसी विशेष कार्य के लिए चुनता है. भारत भूखंड से दूर इस अनोखी कावंड यात्रा में सम्मिलित होने वाले हमारे बंधु बांधव ऐसे ही विशिष्ठ लोग है जिनके मन में ईश्वर की ही प्रेरणा से इस यात्रा में भाग लेने का विचार आया.
जब भी हम कोई विशेष कार्य करते है तो हमारी ज़िम्मेदारी भी बाकी लोगो से बढ़ जाती है. हमारे शास्त्रों और बड़े लोगो ने जिन सावधानियों के विषय में बताया है वो निम्नलिखित है, इनमे से जो भी बाते संभव हो तो उनका पालन करे.
- सबसे प्रथम बात जो बताई गई है वह है, शरीर की शुद्धता। शरीर शुद्ध करने के लिए हम लोग एक दो दिन पहले से शुद्ध सात्विक भोजन लेना शुरू कर सकते है. प्रयास करे की एक दो दिन पहले से लहसुन प्याज़, माँस मदिरा का सेवन न करे जिससे शरीर में सात्विक बल आएगा और विचारो में शुद्धता आएगी।
- दूसरी बात है मन की शुद्धता। मन को शुद्ध करने के लिए हम लोग मन पर संयम रखना आरम्भ कर सकते है. साथ साथ मन ही मन या ब्राह्य जाप (ॐ नमः शिवाय जा कोई और जाप) शुरू कर सकते है.
- जो लोग भी इस यात्रा में भाग लेंगे वो अति शुभ कार्य करेंगे. उनके हाथ में पवित्र जल होगा, जिसको वो अपने आराध्य को अर्पित करेंगे. अतः यदि संभव हो तो पैदल यात्रा नंगे पैर करें।
- अपने मन में इस विचार को दृण करते जाए कि हमको अपने आपको अति विशिष्ठ कार्य के लिए तैयार करना है. पात्र में हम मात्र जल नहीं अपनी समस्त श्रद्धा और भक्ति भर कर ले जा रहे है जो प्रभु के चरणों में अर्पित करते ही हमारे जीवन के दुःख क्लेश का अंत करेंगी और उनकी कृपा प्राप्त होगी।
- आपके घर के आसपास यदि कोई नदी या तालाब हो तो जल वहाँ से लाये और न हो तो घर का शुद्ध जल लेकर आए.
- जल पात्र शुद्ध रखे और जूठे और गंदे हाथो से न छुए.
- पद यात्रा प्रारम्भ होने के बाद पात्र को भूमि पर न रखे.
- यात्रा के दौरान मौखिक या मानसिक जाप करते चले.
हम सबकी समय, काल, परिस्थिति, आयु, शारीरिक व्याधियों की अलग अलग सीमाएं है, अतः जो संभव हो वो करे और जो सम्भव न हो उनके लिए मन ही मन परमात्मा से क्षमा याचना कर ले.
एक बार पुनः आप लोग हमारे अति आदर के पात्र है जो इस अति पुनीत कार्य के लिए आगे आ रहे है.
Team 01: Kaavand Yatra (कावंड यात्रा) 15.07.2023 (Saturday) 16:00-17:00 Hrs
Team 1 of Kaavand yatris will assemble at Löwenmarkt U-Bahn Stop and start their yatra (पैदल यात्रा) at 16:00 Hours.
Löwenmarkt U-Bahn stop is on U6 Route and is easily approachable. Our beloved brother Sri Ashutosh Gaur Ji will be the team leader for team 01. He will coordinate the yatra and give you instructions in a small temporary whatsapp group.
Location Link: https://goo.gl/maps/mGhVV7TrZtxXXKZ28
Team 02: Kaavand Yatra (कावंड यात्रा) 15.07.2023 (Saturday) 16:00-17:00 Hrs
Team 2 of Kaavand yatris will assemble at Schloss Solitude Parking (Lower) and start their yatra (पैदल यात्रा) at 16:00 Hours.
It’s a large parking place below the Schloss Solitude and is easily approachable via car. One beloved brother Sri Ravi Agarwal Ji will be the team leader for team 02. He will co-ordinate the yatra and give you instructions in a small temporary whatsapp group.
Location Link: https://goo.gl/maps/55kuvj55sU5E8im59
Event 03: Kaavand Yatri Swagatotsav (कावंड यात्री स्वागतोत्सव)
Members of our Bal Vatika (Pushp and Sanskar Vatika) will welcome all the Kaavand Yatris under the supervision of the team leader our super charming and sweet brother Sri Sumeet Mahajan Ji. A poll will be organized and all the parents can let us know if their kids wish to become a part of the team. Thereafter, all yatris will take prasad and refresh themselves.
All participating pushps (kids) can come in our traditional Indian dresses.
Event 04: Maharudrabhishek Mahotsav (महारुद्राभिषेक महोत्सव)
Maharudrabhishek mahotsav will begin at around 17:00 Hrs. on Saturday (15.07.2023) and will be concluded with pooja and aarti at 8:00 Hrs. on Sunday (16.07.2023). Once Rudrabhishek will begin it will continue till its conclusion.
हमारे शास्त्रों में बताया गया है कि, ऐसे समय में जब सभी मनुष्य विश्राम कर रहे हो और कोई मनुष्य ऐसे समय में अपने सुख को त्याग ईश्वर की सेवा में प्रस्तुत होता है तो उसको निश्चय ही परमात्मा की विशेष कृपा प्राप्त होती है । वह ईश्वर का प्रिय कृपापात्र बनता है। ऐसा समय कम ही आता है जब हमे रात्रि के प्रहर में परमात्मा की सेवा का अवसर मिले। आप लोग आगे आए और ईश कृपा का लाभ प्राप्त करे।
- Abhishek will begin with one river jal and be followed by the next.
- All of us will have the opportunity to offer jal to Lord Mahadev personally.
- We have made eight teams who will do the abhishek for two hours.
- Any person can be a part of one or more than one team. A participation poll has been sent to Mandir’s whatsapp group where entries can be made.
- Food and refreshment arrangements will be made in the Mandir by Mandir team and can be consumed only in the meeting room (Basement) during the Abhishek.
- Do let us know if you need any overnight stay arrangements. We have plenty of family members who can offer their homes to you for a comfortable stay.
- A non-stop Abhishek will be continued through a Rudrabhishek Gomukh (Conical vessel for Rudrabhishek) where people can be exchanged one after other throughout the Abhishek.
- In certain important parts of Rudrabhishek, additionally, Abhishek will be done by Special Patra with Sahastra Dhara (1008 Dharas).
- We can do bhajan and jaap throughout the night except for a few important occasions.
- Once Rudrabhishek is concluded pooja, aarti, and prasad will be offered to Lord.
Event 05: Prasad Preparation for Sunday Gathering
- Once Rudrabhishek event will be concluded and cleaning is done Prasad preparation for the Sunday gathering will begin
- Family members can also take rest and relax themselves
Event 06: Shri Ramcharitmanas Maasparayan
- 17th Maasparayan of Shri Ramcharitmanas will begin at 11:00 Hrs
- In this maasparayan, Bhagwan Ram ji will reach Chitrakoot and a beautiful conversation between Shri Raghav and Rishi Valmiki ji will immerse us in bhakti and prem.
- Maryadapurushottam will ask Valmiki ji a place to live and Valmiki ji will ask Lord in reply a place where he is not present.
Event 07: Bhajan and Aarti
After Maasparayan bhajan and aarti will take place. All of you can sing bhajans and charge the environment with bhakti.
Event 08: Prasad and Cleaning
Prasad and cleaning will be the concluding part of our mega Event of Saavan Rudrabhishek Mahotsav.